Mbns news रायपुर|| भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के दिग्गज नेता और छत्तीसगढ़ सरकार के धाकड़ मंत्रियों के खिलाफ नए चेहरों को उतार कर बड़ा दांव खेला है। भाजपा का ये दांव कहीं उन पर भारी न पड़ जाए ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है।
बता दें कि भाजपा ने अपनी रणनीति के तहत कैबिनेट मंत्री रविंद्र चौबे के खिलाफ बीरनपुर मामले के मृतक भुनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू को मैदान में उतारा है। वहीं नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया के खिलाफ हाल ही में पार्टी में आए सतनामी के गुरु के बेटे खुशवंत साहेब को। इसी तरह आबकारी मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ सोयम मुका तो मोहम्मद अकबर के खिलाफ अपने प्रदेश महामंत्री विजय शर्मा को। गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू के खिलाफ ललित चंद्राकर को, अमरजीत भगत के खिलाफ रामकुमार टोप्पो और अनिला भेड़िया के खिलाफ कांग्रेस से भाजपा में आए देवलाल ठाकुर को टिकट दी है। ये सभी पहली बार विधान सभा का चुनाव लड़ रहे है। इधर चर्चा है कि कांग्रेस के कुछ मंत्री अपना क्षेत्र बदलने की तैयारी में है।
मिली जानकारी के अनुसार नगरीय प्रशासन मंत्री शिवकुमार डहरिया, केबिनेट मंत्री गुरु रुद्रकुमार, गृह मंत्री ताम्रकार साहू और वन मंत्री मोहम्मद अकबर की अपनी पुरानी सीट की जगह किसी सुरक्षित सीट की तलाश में है। इस पर भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि हाई कमान ने काफी सोच विचार और मंथन कर इस बार जिताऊ कैंडिडेट को चुनावी मैदान में उतारा है। इसी वजह से ये कई मंत्री सुरक्षित सीट तलाश रहें है। भाजपा के पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता इन मंत्रियों को चुनौती दे सकता है।
भाजपा की इस चुनावी रणनीति पर कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने नए लोगों को बलि का बकरा बना दिया है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा प्रदेश भर में अपने आप को हारा हुआ मान ली है। मंत्रियों की सीट की बात छोड़ दीजिए।