डीएनए पर काम करने वाला होगा तीसरा स्वदेशी टीका

0

भारत में 16 जनवरी से कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के लिए राष्ट्रव्यापी टीकाकरण की शुरुआत हुई है। अब तक देश में लगभग 45 प्रतिशत लोगों को कोविड-19 का टीका लग चुका है। इसके साथ ही भारत सबसे तेज टीकाकरण करने वाला देश बन गया है। दो फरवरी के आधिकारिक डाटा के अनुसार भारत में 40 लाख लोगों का टीकाकरण हो चुका है। 

बुधवार को देश में 2,48,662 लोगों को टीका लगा है। इसके साथ ही टीका लगवाने वाले लाभार्थियों की संख्या देर शाम को 43.9 पर पहुंच गई। यह टीकाकरण के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के पंजीकृत 92,61,227 लोगों का 47 प्रतिशत है। भारत की तुलना में अमेरिका को 40 लाख लोगों को टीका लगाने में 20 दिन लगे थे। जबकि ब्रिटेन और इस्रायल ने 39 दिनों में इस लक्ष्य को हासिल किया था।

प्रमुख राज्यों (लाभार्थियों की बड़ी संख्या वाले) में, मध्यप्रदेश ने दो फरवरी तक सबसे ज्यादा 69.4 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया है। वहीं राजस्थान में यह संख्या 64.7 प्रतिशत रही। वहीं यूपी ने 18 दिनों में सबसे अधिक 4.63 लाख लोगों को टीका लगवाया। राज्य में 9 लाख से अधिक स्वास्थ्यकर्मी हैं। इनमें से 51 प्रतिशत का टीकाकरण हो चुका है।

दूसरी ओर महाराष्ट्र में 9,36,857 पंजीकृत लाभार्थी हैं, राज्य ने केवल 34 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण किया गया है। वहीं तमिलनाडु में 22.6 प्रतिशत, दिल्ली में 26.6 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 29 प्रतिशत, पुड्डुचेरी में 12.3 प्रतिशत और गोवा में केवल 28.3 प्रतिशत लोगों को टीका लगा गया है। ये खराब टीकाकरण कवरेज वाले राज्यों में शामिल हैं।

मणिपुर में दो फरवरी तक सबसे कम 10 प्रतिशत टीकाकरण किया गया है। लक्षद्वीप ने अपने 90 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मचारियों को कवर किया गया है और अपनी छोटी जनसंख्या के बावजूद सूची में सबसे ऊपर है। पश्चिम बंगाल और कर्नाटक ने क्रमशः 41.1 प्रतिशत और 40.9 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मचारियों को टीका लगाया है।

ओडिशा, केरल, हरियाणा और गुजरात जैसे अन्य राज्यों में उनके कुल स्वास्थ्य कर्मचारियों की संख्या में 50 प्रतिशत से अधिक लोगों को टीका लगाया जा चुका है। सरकार का लक्ष्य मार्च-अप्रैल तक कुल लगभग तीन करोड़ स्वास्थ्य और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों को टीकाकरण में प्राथमिकता देना है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here