फीस देकर 10 की बजाय 40 फीसदी तक अवैध निर्माण को करा सकेंगे वैध

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MBNS NEWS, भोपाल | अवैध निर्माण की कंपाउंडिंग के नियमों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब 40% तक अवैध निर्माण वैध हो सकेगा। इसमें 20% के लिए कंपाउंडिंग की फीस चुकाना होगी, जबकि शेष 20% के लिए टीडीआर खरीदना होगा। अब तक सिर्फ 10% अवैध निर्माण ही कंपाउंडिंग के जरिए वैध हो सकते हैं। शहर में 4.50 लाख से अधिक निजी मकान हैं, इनमें से ज्यादातर में 10% से अधिक अवैध निर्माण है। राज्य शासन ने 2016 में कंपाउंडिंग की फीस घटाई थी।

उस समय अनुमान लगाया था कि अकेले भोपाल नगर निगम को कंपाउंडिंग फीस से एक वर्ष में ही 100 करोड़ तक की आय होगी, लेकिन यह आंकड़ा 20 करोड़ तक भी नहीं पहुंचा। ज्यादातर मामलों में उन्हीं लोगों ने कंपाउंडिंग कराई, जिनके अवैध निर्माण की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में हुई और मकान मालिक अवैध निर्माण तोड़ने के लिए राजी नहीं हुआ।

नगरीय आवास एवं विकास विभाग ने सड़क और अन्य सार्वजनिक स्थानों की भूमि को छोड़कर 40 प्रतिशत तक अवैध निर्माण को वैध करने का प्रस्ताव दिया है। इसमें भवन के फ्रंट में अतिरिक्त निर्माण को वैध नहीं किया जाएगा। पीछे और साइड में हुए अवैध निर्माण वैध किए जा सकेंगे।

लेकिन, इसमें 20 प्रतिशत हिस्से को वैध करने की गणना कम्पाउंडिंग के नियमों के हिसाब से होगी और शेष 20 प्रतिशत के लिए भवन मालिक को टीडीआर खरीदना होगा। टीडीआर का न्यूनतम शुल्क उस क्षेत्र की कलेक्टर गाइडलाइन के आधार पर तय होता है, लेकिन टीडीआर सर्टिफिकेट की खरीदी और बिक्री शेयर बाजार की तरह होती है, इसलिए यह कहना मुश्किल है कि इस 20 प्रतिशत के लिए कितनी राशि चुकाना होगी।

2016 में अनुमान था…एक साल में 100 करोड़ आय होगी, पर 20 करोड़ भी नहीं हुई

  • 10 फीसदी तक अवैध निर्माण अभी कंपाउंडिंग के जरिए वैध हो सकते हैं।
  • 8 हजार से अधिक मकानों को पिछले साल दिए थे नोटिस

एक्सपर्ट कमेटी ने दिया था 40% तक निर्माण वैध करने का सुझाव

2017 में राज्य शासन ने एक एक्सपर्ट कमेटी बनाई थी। कमेटी ने कंपाउंडिंग को 10% से बढ़ाकर 40% तक करने की सिफारिश की थी। पिछले साल जुलाई-अगस्त में निगम ने 8000 से अधिक मकानों को नोटिस दिया था। इनमें 35 से 40% तक निर्माण अवैध निकले। 2016 में जिन 1300 लोगों ने कम्पाउंडिंग के लिए आवेदन किया, उनमें से 710 की जांच हुई और सभी में 40% के आसपास अवैध निर्माण मिला।

नए नियम से आवासीय क्षेत्रों में बढ़ेंगी व्यावसायिक गतिविधियां

ऑर्किटेक्ट डॉ. शीतल शर्मा ने बताया कि अभी 1000 वर्ग फीट के प्लॉट पर 1375 वर्ग फीट तक का निर्माण वैध हो सकता है। नए नियम में यह 1600 वर्ग फीट तक होगा। इससे शहर में कांक्रीट बढ़ेगा, जिससे ग्राउंड वॉटर का लेवल नीचे हो सकता है। काॅलोनियों में ओपन स्पेस कम हो जाएगा। आवासीय क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ेंगी। 40%तक अवैध निर्माण को छूट देने से नियमों के उल्लंघन की प्रवृत्ति भी बढ़ सकती है।

कलेक्टर गाइडलाइन रेट की 10 प्रतिशत है कंपाउंडिंग फीस

अभी कंपाउंडिंग फीस कलेक्टर गाइडलाइन रेट के 10 प्रतिशत तक है, लेकिन टीडीआर कलेक्टर गाइडलाइन के बराबर होता है। इस हिसाब से 20% अतिरिक्त निर्माण पर कलेक्टर गाइडलाइन का 10 प्रतिशत और शेष 20 प्रतिशत पर कलेक्टर गाइडलाइन के बराबर जुर्माना देना होगा।

नोटिस का विरोध… निगम की बिल्डिंग परमिशन शाखा का घेराव

निगम की बिल्डिंग परमिशन शाखा की ओर से हाल के दिनों में शाहपुरा ए व बी सेक्टर के 200 से ज्यादा रहवासियों को कंपाउंडिंग के लिए नोटिस जारी किए हैं। इनमें 7 कार्य दिवसों में कंपाउंडिंग शुल्क जमा करके नक्शे के विपरीत किए गए अवैध निर्माण को नियमित कराने का समय दिया गया है। नोटिस मिलने के बाद रहवासियों में भारी रोष है। बुधवार दोपहर रहवासियों ने निगम की बिल्डिंग परमिशन शाखा का घेराव किया और नोटिस जलाए। शाहपुरा रहवासी सोसायटी के सचिव नवीन चौबे ने बताया कि अगर यह फरमान वापस नहीं लिया गया तो निगम मुख्यालय का घेराव किया जाएगा।

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