Mbns news रायपुर|| नई दिल्ली ।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन को लेकर दिए विवादित बयान के बाद तो देश के सियासी गलियारों में जैसे बवाल सा मच गया है। जहां एक ओर भाजपा सनातन के खिलाफ बयान देने वालों पर करारा प्रहार कर रही है तो दूसरी ओर सनातन विरोधी बयान थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। कई राजनीतिक दलों के नेता लगातार सनातन धर्म के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। इसी कड़ी में इंडिया गठबंधन के एक नेता ने सनाधन धर्म को लेकर ऐसा बयान दे दिया है कि फिर हड़कंप मच गया है। अगर गठबंधन के नेता की मानें तो I.N.D.I.A का मकसद ही सनातन को खत्म करना है।
दरअसल के. पोनमुडी सनातन उन्मूलन सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस दौरान उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि विपक्षी इंडिया गठबंधन के सभी 26 दल समानता और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और सनातन धर्म के सिद्धांतों के खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट हैं। उन्होंने आगे कहा कि इंडिया गठबंधन का उद्देश्य सनातन धर्म के सिद्धांतों के खिलाफ लड़ने के लिए किया गया है। हमारे बीच मतभेद हो सकते हैं लेकिन गठबंधन में 26 पार्टियां सनातन धर्म के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हैं। उन्होंने कहा कि जब सनातन धर्म को खत्म करने की बात आती है तो हम सभी एक बिंदु पर सहमत होते हैं। हम सभी एक ही चीज चाहते हैं, समानता, सामाजिक न्याय, अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षा, लैंगिक समानता..। आप और मैं केवल इस पर बोल सकते हैं, लेकिन जब हम राजनीति में जीतते हैं, तो हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हम बदलाव कर सकते हैं।
मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि चुनाव में विपक्षी दलों की जीत के बाद ही बदलाव लाया जा सकता है। उनके भाषण का वीडियो अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गया है, जिस पर भाजपा की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आ रही है। मंगलवार को बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि डीएमके के शिक्षा मंत्री पोनमुडी की टिप्पणी सामने आई है। अंग्रेजी में एक कहावत है ‘द कैट इज आउट ऑफ द बैग’। उन्होंने जो सोचा था वह स्पष्ट हो गया है। इंडिया गठबंधन का गठन सनातन धर्म का विरोध करने और खत्म करने के लिए किया गया है।
वहीं, मंत्री पोनमुडी के बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उन्होंने यह बात उसी ‘सनातन धर्म विरोधी’ कार्यक्रम में कही, जहां सीएम स्टालिन के बेटे ने सनातन की तुलना डेंगू, मलेरिया से की थी और ए राजा ने इसे ‘एड्स से भी बदतर’ कहा था। उनका छिपा हुआ एजेंडा सनातन धर्म का विरोध करके वोट बैंक की राजनीति करना है। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी और इस गठबंधन से पूछता हूं – क्या उन्हें किसी अन्य धर्म के देवताओं की आलोचना करने का अधिकार है? क्या उनमें साहस है? क्या वे ऐसा कर सकते हैं?…वे अन्य धर्मों पर चुप रहते हैं लेकिन खुले तौर पर सनातन का विरोध करते हैं