मनमानी कीमतों पर रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने वाले जमानत पर रिहा, मध्यप्रदेश की तरह मुनाफाखोरों पर रासुका लगाने की मांग

0
4
Facebook
Twitter
Pinterest
WhatsApp

MBNS NEWS, रायपुर | रायपुर पुलिस की टीम ने काफी मेहनत करके रेमडेसिविर इंजेक्शन की दलाली और कालाबाजारी करने वाले युवकों को पकड़ा था। 7 युवकों की गिरफ्तारी हुई थी। इनमें से दो को जमानत पर अगले ही दिन छोड़ दिया गया। सब ठीक रहा तो अन्य युवक भी जल्द ही छूट जाएंगे। जबकि दूसरी तरफ शहर के लोगा इन्हें सख्त सजा देने की मांग कर रहे हैं। YMS यूथ फांडेशन के महेंद्र सिंह होरा ने बताया कि हमने इस मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है, ऐसे लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून और हत्या के प्रयास का केस दर्ज करना चाहिए। ऐसे कई लोग होंगे जिन्होंने इनसे संपर्क किया होगा और कीमत न दे पाने के कारण इंजेक्शन न मिलने से उनके मरीजों की मौत हुई होगी, यह तो हत्या ही हुई न ।

पुलिस ने की प्रतिबंधात्मक कार्रवाई, SDM कोर्ट से छूटे

रायपुर की एसडीएम पूनम शर्मा की कोर्ट से रोहित क्षेत्रपाल और वैभव साहू के छूट जाने की जानकारी मिली है। लॉ एक्सपर्ट विपिन अग्रवाल ने बताया कि इन केसेस में पुलिस धारा 151 के तहत कार्रवाई कर रही है, अमूमन इनमें समझाइश देकर जमानत दे दी जाती है। रेमडेसिविर मनमानी कीमतों पर बेचने के मामले में ओंकर भोंसले नाम के एमआर को भी पुलिस ने पकड़ा था, फिलहाल वो जेल में है। इनके अलावा राहुल गोयदानी, आयुष माहेश्वरी, कमलेश रतलानी, सुमित कुमार मोटवानी नाम के युवकों के फिलहाल जेल में ही होने की जानकारी सामने आ रही है।

चैंबर ऑफ कॉमर्स से संबंधित होने के लगे थे आरोप

युवकों को गिरफ्तार करने वाले साइबर सेल के प्रभारी रमाकांत साहू ने बताया था कि युवक किसी संगठन से जुड़े थे, किसी मरीज की मदद करने के नाम पर रेमडेसिविर इंजेक्शन जुटाते थे। इसके बाद इसे 15 से 30 हजार रुपए में बेचने का काम करते थे। सूत्रों के मुताबिक ये युवक चेंबर ऑफ कॉमर्स से जुड़े थे। हालांकि छत्तीसगढ़ चैंबर ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया।

व्यापारी एकता पैनल ने दावा किया कि जो युवक गिरफ्तार हुए हैं। उनमें से दो लोग चैंबर की हेल्प लाइन में काम कर रहे थे। यानी उनके पास जो मदद के लिए फोन आ रहे थे उन्हीं लोगों को वे ज्यादा कीमत में इंजेक्शन बेच रहे थे। आनन-फानन में चैंबर अध्यक्ष अमर पारवानी ने एसएसपी को चिट्ठी लिखकर कहा कि इनका चैंबर से वास्ता नहीं पुलिस कड़ी कार्रवाई करे।

मध्यप्रदेश की तरह छत्तीसगढ़ सरकार भी ले सकती है कड़ा एक्शन

पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत केस दर्जकर कार्रवाई हो रही है। रायपुर की तरह चट गिरफ्तारी और पट जमानत की रिवायत को वहां खत्म कर दिया गया है। युवा वकील विपिन अग्रवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ की राज्य सरकार चाहे तो कुछ संशोधन कर ऐसे लोगों पर रासुका या आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई कर सकती है। तब गैर जमानती धाराओं पर पुलिस कार्रवाई कर सकेगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here