Mbns news रायपुर|| नई दिल्ली।
सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी के ASI सर्वे पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हुज़ेफ़ा अहमदी का कहा कि सर्वेक्षण की पूरी कार्यवाही सीलबंद रखी जानी चाहिए. यदि कुछ भी जारी किया जाता है, तो उससे समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
इसके पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट के एएसआई सर्वे को लेकर दिए गए फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने मामले में सुनवाई की।
सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने पूछा कि आखिर हम इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश में दखल क्यों दे? ASI के भरोसे के बाद अदालत ने यह आदेश दिया था. मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा कि हमने लिखित दलील में अतिरिक्त जानकारी दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने हमें सुना नहीं।
सीजेआई ने कहा कि हम प्रक्रिया के इस चरण में क्यों दखल दें? आप सारी दलीलें तो सुनवाई के दौरान दे चुके हैं. अयोध्या मामले में भी तो एएसआई ने सर्वेक्षण किया था. क्या दिक्कत है! सर्वे का तथ्यात्मक सबूत तो अदालत तय करेगी कि फाइनल सुनवाई के दौरान कौन सा तथ्य, सबूत और रिपोर्ट का कौन सा हिस्सा सुनवाई का हिस्सा बनाया जाए और कौन सा नहीं.
कोर्ट ने कहा कि आप एक ही ग्राउंड पर हर बार हरेक कार्रवाई पर रोक का आग्रह नहीं कर सकते. CJI ने कहा कि वो मुख्य सूट, जिसमें सूट की वैधानिकता पर सवाल उठाए गए है उस याचिका पर नोटिस जारी करते हैं. सीजेआई ने कहा कि हम सभी पहलुओं पर सुनवाई करेंगे. लेकिन हम सर्वे के आदेश पर दखल क्यों दे?
हिन्दू पक्ष की वकील माधवी दीवान ने कहा कि सर्वे किसी के अधिकार का हनन नहीं करेगा. सुनवाई के समय इस बात का प्रस्ताव दिया गया कि अगर कोर्ट चाहे तो पूरी प्रक्रिया की लाइव स्ट्रीमिंग कोर्ट के लिए की जा सकती है. वैज्ञानिक परीक्षण के ज़रिए एक तार्किक नतीजे पर पहुंचा जा सकता है।
वहीं इस मामले में हिंदू याचिकाकर्ताओं की वकील की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दावा किया गया कि सिविल जज सीनियर डिविजन, वाराणसी ने मुकदमे में मेटेनेबिलिटी स्वीकार कर ली थी. CJI ने कहा कि सूट की वैधानिकता को लेकर दाखिल मस्जिद कमेटी की याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की कॉपी दूसरे पक्ष को देने को कहा.
अहमदी ने कहा कि हमने निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक की भी मांग की है. श्रृंगार गौरी की पूजा की मांग वाली याचिका सुनवाई योग्य माने जाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते सुनवाई करेगा. सीजेआई ने कहा कि प्लेसेज ऑफ़ वर्शिप एक्ट पर अभी सुनवाई नही करेंगे.
सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि मस्जिद को छुआ न जाए और कोई खुदाई न हो. सुप्रीम कोर्ट ने कहा सभी पक्षों के हमने सुना हैं. हाईकोर्ट ने ASI के एडिशन डायरेक्टर जनरल के बयान के दर्ज किए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा ASI ने अदालत को भरोसा दिया कि किसी भी तरह से इमारत को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।