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शहर को इस बार गर्मी में 40 एमएलडी ज्यादा पानी, यानी हर व्यक्ति को 25 लीटर अधिक पानी मिलेगा

MBNS NEWS, रायपुर | राजधानी रायपुर को पिछले साल के मुकाबले इस साल गर्मियों में 40 एमएलडी ज्यादा यानी 300 एमएलडी (30 करोड़ लीटर) पानी मिलने जा रहा है। पिछले साल गर्मी में मांग बढ़ने के बाद भी नगर निगम के फिल्टर प्लांट पूरी क्षमता से काम करते थे, तब भी रोज 260 एमएलडी पानी ही सप्लाई कर पा रहे थे।

इस बार इनकी क्षमता बढ़ा दी गई। यही नहीं, पिछले साल 38 टंकियों से पानी दिया जा रहा था। इस बार 5 नई टंकियां बनीं, यानी इनकी संख्या 43 हो गई है। पानी सप्लाई बढ़ने का सीधा फायदा गर्मी में शहर के अाम लोगों को होगा। राजधानी में 15 लाख की आबादी की हिसाब से नगर निगम एक व्यक्ति को रोजाना औसतन 163 लीटर पानी सप्लाई कर रहा था। इस बार अप्रैल मध्य से रोजाना हर व्यक्ति को औसतन 188 लीटर पानी मिलेगा। पिछले दो साल से भाठागांव परिसर के फिल्टर प्लांट की क्षमता बढ़ाने का काम चल रहा था। यह 60 फीसदी पूरा हो गया है। यही नहीं, पांच अतिरिक्त टंकियां भी तैयार हैं और इन्हें भरने तथा इनसे 50 हजार और घरों तक पानी पहुंचाने की सप्लाई लाइनें तैयार हैं।

टंकियां बनने के बाद इस साल गर्मियों में राम नगर, श्याम नगर, कचना, आमासिवनी और देवपुरी में पहली बार नगर निगम के नल से नदी का पानी सप्लाई होगा। ये टंकियां रोजाना लोगों को 124 लाख लीटर पानी देंगी। यही नहीं, पुरानी 38 टंकियों की मोटरें भी ठीक की गई हैं, इस वजह से टंकी से दूर वाले छोर तक (टेल एंड) भी प्रेशर से पानी पहुंचने का दावा किया गया है। जहां तक फिल्टर प्लांट का सवाल है, इनकी क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ पुराने छह पंपों को बदलकर 675 हार्सपावर के छह नए पंप लगाए जा रहे हैं। तीन पंप बदलने का काम पूरा हो चुका है। चौथा मार्च-अप्रैल तक बदलने का दावा किया जा रहा है। लिहाजा रायपुर को अतिरिक्त पानी सप्लाई के लिए सभी अनुकूल परिस्थितियां बन गई हैं।

आउटर ही नहीं, घने शहर में भी दिक्कत

राजधानी के आउटर जैसे कचना, आमासिवनी, देवपुरी और आसपास के 10 हजार से ज्यादा घरों में नल का पानी नहीं पहुंचता है। यहां लोग नलकूप या बोर पर ही निर्भर हैं। निगम गर्मी में दिक्कत बढ़ने पर टैंकरों से पानी की सप्लाई करता रहा है। टंकियां शुरू होने से यह दिक्कत दूर हो जाएगी। इधर, शहर के भीतरी इलाकों में लोग टेलएंड तक पानी नहीं पहुंचने से परेशान हैं। नल होने के बावजूद प्रेशर नहीं होने के कारण पानी आखिरी छोर के घरों तक नहीं जा रहा है।

ऐसे इलाकों में भनपुरी, खमतराई, पंडरी, मोवा, कांपा, चंडी नगर, सरस्वती नगर, गीता नगर, कुशालपुर, चंगोराभाठा, नेहरू नगर, सोनडोंगरी, टाटीबंध, प्रोफेसर कॉलोनी, पुरानी बस्ती के कुछ इलाके, शंकर नगर, काली माता वार्ड के सरस्वती नगर, सिंधी कॉलोनी, मयूर क्लब, जगन्नााथ नगर, टैगोर नगर से लेकर रमन मंदिर वार्ड, इंदिरा गांधी वार्ड, गुरु गोविंद सिंह वार्ड और राजा तालाब आदि हैं। निगम में जल विभाग के चेयरमैन सतनाम पनाग ने कहा कि निगम के 150 एमएलडी फिल्टर प्लांट की क्षमता बढ़ाकर 260 एमएलडी कर दी गई है। साथ ही 80 एमएलडी व 45 एमएलडी प्लांट को मर्ज कर क्षमता 150 एमएलडी तक बढ़ा दी गई है। इससे इन इलाकों में पुरानी टंकियों से अब ज्यादा पानी पहुंचेगा और नई टंकियों से भी सप्लाई शुरू हो जाएगी।

हालांकि टैंकर मुक्त नहीं होगी राजधानी

निगम अब भी टैंकरों शहर को पूरी तरह टैंकरों से मुक्त होने की घोषणा नहीं कर पा रहा है, क्योंकि अमृत मिशन का काम पूरा होने में अभी वक्त है। लेकिन राहत यही है कि पांचों नई टंकियों की टेस्टिंग पूरी होने के बाद सप्लाई शुरू हो जाएगी। इसके लिए संबंधित इलाकों में पाइपलाइन बिछाने के साथ ही कनेक्शन भी दिए जाने लगे हैं।

दोनों फिल्टर प्लांट की क्षमता बढ़ेगी

प्लांट-1 की क्षमता 150 एमएलडी से बढ़कर 260 एमएलडी

प्लांट-2 की क्षमता 80 एमएलडी से बढ़कर 150 एमएलडी

इस साल शहर में टैंकर कम चलेंगे क्योंकि सभी आउटर इलाकों में टंकियां बन चुकी हैं। मार्च अंत या अप्रैल के पहले हफ्ते में ये शुरू हो जाएंगी।
-एजाज ढेबर, महापौर रायपुर