Mbns news रायपुर|| छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा हाईकोर्ट के मामलों की सुनवाई के बाद औचक निरीक्षण के लिए बेमेतरा पहुंचे. उन्होंने न्यायालय परिसर के सभी कमरों का निरीक्षण किया गया. न्यायालय परिसर में वाहनों की पार्किंग, स्वच्छता, वाशरूम, अधिवक्ताओं और पक्षकारों की बैठक व्यवस्था का भी निरीक्षण किया गया साथ ही व्यवस्था में आवश्यक सुधार के निर्देश दिये।
निरीक्षण के दौरान न्यायालय का भवन पुराना होने के कारण लाइब्रेरी, रिकॉर्ड रूम अन्य कुछ स्थानों पर सीलन पाई गई. अधिवक्ता कक्ष में भी पानी का रिसाव होना पाया गया जिस पर उनके द्वारा नाराजगी जाहिर की गयी. निरीक्षण के समय बेमेतरा जिले के जिला और सत्र न्यायाधीश बृजेन्द्र कुमार शास्त्री, कलेक्टर पदुम सिंह एल्मा, पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता एस.डी.एम. कु. सुरूचि सिंह और लोक निर्माण विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे. जिन्हें आवश्यक सुधार के लिए निर्देश दिये गये।
मुख्य न्यायाधीश ने न्यायिक अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए वहां लंबित प्रकरणों की जानकारी ली और 05 से 10 वर्ष के पुराने प्रकरण 156 (3) सी.आर.पी.सी के प्रकरण, धारा 138 परकाम्य लिखित अधिनियम (Negotiable Instruments Act) के प्रकरणों को प्राथमिकता देते हुए त्वरित गति से निराकृत करने के निर्देश दिए. उन्होंने न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं से भी चर्चा की और उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए निर्देश दिये. औचक निरीक्षण में उनके साथ रजिस्ट्रार जनरल अरविन्द कुमार वर्मा और एडिशनल रजिस्ट्रार कम पीपीएस एम.वी.एल.एन सुब्रहमन्यम भी उपस्थित थे।
बता दें कि मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में आये हुए केवल तीन महीने ही हुए हैं, उक्त तीन महीने के कार्यकाल में ही उन्होंने कई जिला न्यायालयों और केन्द्रीय जेल, बिलासपुर का औचक निरीक्षण कर व्यवस्था में सुधार के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये हैं. जिससे आधारभूत संरचना और कार्यदशा में आमूल-चूल परिवर्तन दिखाई देना शुरू हो गया है।