Mbns news Raipur|| हिंदू धर्म मे हर देवी-देवताओं को अलग-अलग चीजें प्रिय हैं। कुछ ऐसे फूल भी हैं, जो देवी-देवताओं को अत्यंत प्रिय हैं। इस बात का जिक्र पुराणों में भी मिलता है। ज्योतिष आधार पर भी अलग-अलग फूलों का अलग-अलग महत्व बताया गया है। इनमें से एक धतूरे का फूल है। यह फूल भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है। मान्यता के अनुसार, यदि धतूरे के फूल को आप शिव पूजा में शामिल नहीं करते हैं तो महादेव आपकी पूजा को स्वीकार नहीं करते हैं।
धतूरे के फूल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह फूल जंगली होने के साथ ही कहीं भी उग आता है। साथ ही यह जहरीला फूल होता है। आप सावन सोमवार में धतूरे का फूल शिव जी को जरूर अर्पण करें।
वैसे तो धतूरे का फूल सफेद रंग का होता है और सफेद रंग महादेव को काफी पसंद है। धतूरे के फूल में किसी तरह की खुशबू नहीं पाई जाती है। सफेद रंग के अलावा यह फूल हल्का बैंगनी और पीले रंग का भी होता है। यह फूल काफी जल्दी मुरझा जाता है। इसलिए इसको तोड़कर फौरन ही महादेव को चढ़ा देना चाहिए।
पौराणिक कथा के अनुसार, जब समुद्र मंथन के दौरान हलाहल से भरा कलश निकला तो देव और असुर इस सोच में पड़ गए कि इसे कौन ग्रहण करेगा। ऐसे में महादेव ने इस विष को ग्रहण कर लिया था। तभी से धतूरे को हलाहल के प्रतीक के तौर पर भगवान शिव को अर्पित किया जाता है। साथ ही इसका फूल भी महादेव को अतिप्रिय है। इस फूल को प्रसाद के तौर पर ग्रहण नहीं कर सकते हैं। लेकिन प्रसाद के तौर पर आप इस फूल को अपने पास रख सकते हैं.