Mbns news रायपुर|| श्रीनगर।
अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर अक्सर जम्मू-कश्मीर के मुस्लिम बहुसंख्यक होने का हवाला देने वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भी बुधवार को भगवान श्री राम की याद आ गई। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 की सुनवाई के संदर्भ में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि मैं इस मुल्क के उन बहुसंख्यक लोगों के बारे में बात कर रही हूं जो श्री रामचंद्र और उनके आदर्श रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाई पर वचन न जाई, में यकीन रखते हैं।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मुझे लगता है कि आज वचन का मामला सर्वोच्च अदालत में लड़ा जा रहा है। नई दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के बाहर पत्रकारों से बातचीत में महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वर्ष 1947 में मुस्लिम बहुसंख्यक जम्मू-कश्मीर ने जिस भारत के साथ हाथ मिलाया था, आज उसी भारत के विचार की अदालत में सुनवाई हो रही है। भारतीय संविधान ने जम्मू-कश्मीर के लोंगों को जो विशेषाधिकार दिया था, उनकी विशिष्ट पहचान को बनाए रखने की जो गारंटी दी थी, आज वही मामला अदालत में है।
महबूबा मुफ्ती ने इस दौरान भगवान राम और उनके कुल रघु का भी उल्लेख किया और कहा कि मैं उन लोगों की बात नहीं करती जो भगवान राम के नाम पर लोगों को पीटते हैं, लिंचिंग करते हैं, मैं उनकी बात करती हूं जो भगवान राम के उस वचन में रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाई पर वचन न जाई में यकीन रखते हैं। भारतीय संविधान ने, भारत ने जो वचन 1947 में जम्मू-कश्मीर निवासियों को दिया है, उसकी सुनवाई हो रही है।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने का मुद्दा भारत और भारत के सविंधान द्वारा जम्मू-कश्मीर के लोगों से किए गए वादे से संबधित है। यह मेरे लिए ही नहीं बल्कि पूरे जम्मू-कश्मीर के लोगों की भावनाओं से जुड़ा मुद्दा है। मुझे खुशी है कि इस मामले की सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई शुरू हुई है। उन्होंने कहा, “मैं इस मामले पर जम्मू-कश्मीर के लोगों का पक्ष रख रहे वकीलों की आभारी हूं कि वह उनकी आवाज बने हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को वकीलों ने अपनी दलीलों से सत्तारूढ़ दल भाजपा को बेनकाब कर दिया है। भाजपा ने संसद में अपने बहुमत का दुरुपयोग कर भारतीय संविधान को ठेस पहुंचाते हुए जम्मू-कश्मीर के लोगों को दिए गए विशेषाधिकार को समाप्त कर दिया। आज आइडिया ऑफ इंडिया के अस्तित्व का सवाल है, यह उसका इम्तिहान है। आज देश का संविधान, न्यायिक प्रणाली और लोकतंत्र सब इम्तिहान पर हैं।
उन्होंने कहा सुप्रीम कोर्ट को यह तय करना है कि यह मुल्क संविधान और कानून से चलेगा या किसी दल विशेष के एजेंडे से। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद अगर हालात सुधर गए हैं तो फिर क्यों कश्मीरी हिंदुओं की कश्मीर में वापसी नहीं हो रही है, उनकी टारगेट किलिंग क्यों हो रही है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में जिन कश्मीरी हिंदुओं ने कभी पलायन नहीं किया था, वह भी अब कश्मीर छोड़ रहे हैं।