Mbns news रायपुर|| नई दिल्ली।
विधानसभा चुनाव लड़ने की उम्र घट सकती है, एक संसदीय पैनल ने शुक्रवार को विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम आयु में बदलाव की सिफारिश की है, संसदीय पैनल के अनुसार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम आयु 25 साल से घटाकर 18 साल की जानी चाहिए, इसके पीछे संसदीय पैनल ने तर्क दिया कि इससे नीतिगत बहस के लिए नज़रिया बढ़ेगा और राजनीतिक प्रक्रिया पर भरोसा कायम होगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में राज्यसभा में कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय पर संसदीय स्थायी समिति ने चुनाव प्रक्रिया के पहलुओं और उनके सुधार पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति ने पाया है कि चुनाव में उम्मीदवारी के लिए ज़रूरी उम्र कम करने से लोकतंत्र में युवाओं को शामिल होने के समान अवसर मिलेंगे, इस नजरिये के पीछे युवाओं में बढ़ती राजनीतिक चेतना, और युवा प्रतिनिधित्व के लाभ, वैश्विक स्तर पर चल रहे चलन जैसे व्यापक बातों को आधार बनाया गया है।
आगे रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि राजनीतिक दलों ने अतीत में सार्वजनिक पदों के लिए अनुभवी उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी थी, जबकि अनुभव की कमी के कारण युवा उम्मीदवारों को खारिज कर दिया था, समिति ने कहा कि ‘यह विश्वास बताता है कि राजनीतिक क्षमता उम्र के साथ आती है, एक ऐसी धारणा जिसके बारे में प्लेटो ने दो हजार साल पहले तर्क दिया था’ हालांकि 21वीं सदी में यह मान्यता तेजी से पुरानी होती जा रही है, शिक्षा, वैश्वीकरण, डिजिटलीकरण में बढ़ावे की बदौलत सभी देशों में युवा कार्यालयों को चलाने में सक्षम होते जा रहे हैं।
समिति के अनुसार यह चिंताजनक है कि PRS लेजिस्लेटिव रिसर्च के अनुसार, 2019 में 47% सांसद 55 वर्ष से अधिक आयु के थे। जबकि भारत की औसत आयु 27.9 वर्ष थी, हालांकि, चुनाव आयोग न्यूनतम आयु में बदलाव की जरूरत से सहमत नहीं थी, समिति को अपने इनपुट में, पोल पैनल ने कहा कि उसने इस मुद्दे पर विचार किया है और 18 साल के बच्चों से ‘इन जिम्मेदारियों के लिए जरूरी अनुभव और परिपक्वता रखने’ की उम्मीद करना अवास्तविक पाया है। वहीं समिति का कहना है कि सर्वेक्षणों से पता चलता है कि वैश्विक स्तर पर युवाओं में राजनीतिक को लेकर खासी जागरूकता और जरूरी ज्ञान है।