Mbns news रायपुर|| न्यूयार्क।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र के दौरान पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने शुक्रवार को अपने संबोधन में एक बार फिर कश्मीर का राग अलापा. इस पर शनिवार को भारत ने करारा जवाब देते हुए पाकिस्तान से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के अवैध कब्जा वाले इलाके (पीओके) को तुरंत खाली करने को कहा।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की फर्स्ट सेक्रेटरी पेटल गहलोत ने राइट टू रिप्लाई के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान को खरी-खरी सुनते हुए कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, पाकिस्तान को हमारे आंतरिक मामलों में बोलने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जब दूसरों के आंतरिक मामलों में झांक रहा है तो उसे अपने देश में घोर मानवाधिकार उल्लंघनों को पहले देखे और इसे तुरंत बंद करना चाहिए।
पेटल गहलोत ने कहा कि आपको मुंबई हमले के आतंकवादियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, जिसके पीड़ित 15 सालों बाद भी न्याय का इंतजार कर रहे हैं. पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों का गढ़ है. उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवादियों के लिए सेफ हेवन बनाया है।
मानवाधिकार उल्लंघन के लिहाज से पाकिस्तान का रिकॉर्ड दुनिया में सबसे ख़राब होने की बात करते हुए पेटल ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर उंगली उठाने का अधिकार किसी को नहीं है. संयुक्त राष्ट्र फोरम का दुरुपयोग करने का आदि पाकिस्तान हो चुका है. वह बार-बार इस वैश्विक मंच का गलत इस्तेमाल भारत के खिलाफ करता है. बार-बार भारत के खिलाफ बेबुनियाद आरोप सिर्फ इसलिए लगता है, ताकि पाकिस्तान में धड़ल्ले से हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन पर दुनिया की नजर न जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान का मानवाधिकार का रिकॉर्ड पूरी दुनिया में सबसे खराब है. विशेष तौर पर अल्पसंख्यकों और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामले में. पाकिस्तान को सबसे पहले अपने आंतरिक हालात को सुधारना चाहिए।
भारत ने दक्षिण एशिया में शांति के लिए पाकिस्तान को तीन नसीहत देते हुए कहा कि पाकिस्तान को तुरंत सीमा पार भारत में आतंकवादी गतिविधियों पर रोक लगानी चाहिए. आतंकी ठिकानों को बिना देरी बंद करें. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के जिन इलाकों (पीओके) पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा किया हुआ है, उसे तुरंत खाली करे. पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ हो रहे मानवाधिकारों का उल्लंघन तुरंत बंद हो।