Mbns news रायपुर|| हैदराबाद।
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भाग लेने के लिए पार्टी के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी हैदराबाद पहुंच चुके हैं। बैठक के बहाने कांग्रेस का मकसद तेलंगाना के आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी राजनीति को धार देना है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में आज तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की पहली बैठक होने जा रही है, जिसमें पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी की रणनीति और उससे जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी। इसके बाद 17 सितंबर को पार्टी राजीव गांधी प्रांगण में विजय रैली करेगी और तेलंगाना के लिए छह गारंटियों की घोषणा करेगी।
बैठक में भाग लेने के लिए पार्टी के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी हैदराबाद पहुंच गए हैं। कार्यसमिति की बैठक के बहाने कांग्रेस का मकसद तेलंगाना के आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी राजनीति को धार देना है। इसलिए बैठक के बाद पार्टी एक रैली भी कर रही है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने तेलंगाना के हैदराबाद में मीडिया से बातचीत में कहा कि कार्य समिति की बैठक शनिवार को दोपहर ढाई बजे से शुरू होगी। इसमें 84 पदाधिकारी शामिल होंगे।
वेणुगोपाल ने कहा कि मौजूदा मुख्यमंत्री ने तेलंगाना को भ्रष्ट राज्य में बदल दिया है। साथ ही कहा कि तेलंगाना की बीआरएस सरकार और केंद्र की भाजपा सरकार एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। दोनों ही संवैधानिक परंपराओं और संस्थाओं को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। पार्टी महासचिव जय राम रमेश ने भी कहा कि मोदी सरकार और बीआरएस सरकार चाहे जितनी कवायद कर लें लेकिन सरकार कांग्रेस की ही बनेगी।
कार्यसमिति की बैठक के बाद कांग्रेस के सभी आला नेता तेलंगाना की सभी 119 विधानसभाओं का दौरा करेंगे। इसमें प्रदेश अध्यक्ष, सीएलपी नेता और पीसीसी शामिल होंगे। इस दौरान वह स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे। यह सभी निर्वाचन क्षेत्रों में बीआरएस सरकार के खिलाफ चुनाव अभियान की शुरुआत होगी।
वहीं, मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस पर भाजपा को जमकर घेरा। उन्होंने कहा, हालिया समय में हमारे संविधान निर्माताओं की तरफ से बनाई संस्थाओं का गला घोंटकर लोकतंत्र पर सुनियोजित हमला किया जा रहा है। इससे संविधान, संस्थान और देश का लोकतंत्र तीनों खतरे में हैं। खरगे ने एक्स पर लिखे एक पोस्ट में लोगों का आह्वान किया कि संसदीय लोकतंत्र के लोकाचार की रक्षा के संकल्प के साथ आगे आएं। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की पंक्तियों को उद्धृत करते हुए लिखा लोकतंत्र का अर्थ है सहिष्णुता अर्थात जो हमसे सहमत हैं, बल्कि उनके लिए भी जो सहमत नहीं हैं। खरगे ने ये टिप्पणियां ऐसे समय पर की हैं जब 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र आयोजित होने वाला है। कांग्रेस ने पूर्व में संसद में विपक्ष को बोलने की इजाजत नहीं देने को लेकर सरकार पर निशाना साधा था।