Mbns news रायपुर|| दंतेवाड़ा।
अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह का कड़ा रवैया देख अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए. दो दिवसीय प्रवास के दौरान उन्होंने तमाम कमियों-खामियों को देखा. सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि पांचवी अनुसूची क्षेत्र है. आदिवासी आश्रमों में जैसी व्यवस्थाएं होनी चाहिए वैसी नहीं है. अहम मुद्दा तो लाल पानी प्रभावित आदिवासियों के 53 गांव हैं. इन गांव की मूल भूत सुविधाओं को लेकर एनएमडीसी के अधिकारियों को बुलाया और जमकर फटकार लगाई. उनसे इन गांव की स्थिति पर गहन चर्चा की. इन्ही 53 गांव में से एक गांव लोहा गांव है।
अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह ने लोहागांव के ग्रामीणों को भी बुलाया था. उनसे मूलभूत सुधिाओं के विषय में एनएमडीसी के अधिकारियों के सामने पूछा. वहां की समस्याओं को तत्काल प्रभाव से समाधान करने के लिए कहा. अधिकारियों को साफतौर पर निर्देशित किया कि एक माह के भीतर लोहा का पुल बनाएं. वहां के लोगों के जीवन स्तर सुधारें. इसके बाद रिपोर्ट आयोग को दें. यदि ऐसा नहीं हुआ तो वे खुद लोहा गांव जाएंगे. एनएमडीसी किरन्दुल और बचेली में लालपानी से 53 गांव प्रभावित है. यहां जितना बेहतर कर सकते हो करें और हर हाल में करें।
लालापानी प्रभावित गांव पर एनएमडीसी के अधिकारियों से शिक्षा पर गहरी चर्चा की गई. इस पर एनएमडीसी के अधिकारियों ने कहा, 53 लालपानी प्रभावित पंचायतों में बेहतर शिक्षा व्यवस्था की जाएगी. यहां के सभी स्कूलों में ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था की जाएगी. इसकी मॉनिटरिंग जिला मुख्यालय से होगी. ऑनलाइन डिजिटल क्लास होगी. बच्चों के सवालों के जवाब जिला मुख्यालय में बैठे एक्सपट भी दे सकेंगे. इससे बच्चों का मनोबल भी बढ़ेगा।
अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष का जिले में दो दिन का प्रवास था. उन्होंने यहां आश्रम और स्कूलों का निरीक्षण किया और कहा, आश्रमों की स्थित बेहतर नहींं है. आश्रमों में शौचालय की व्यवस्था दुरुस्त होनी चाहिए. बच्चों को हॉस्टल में बिजली व्यवस्था 24 घंटे मिलनी चाहिए. आदिवासी विकास विभाग और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को आश्रमों और स्कूलों पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा. जिला प्रशासन को आश्रमों की कामियों-खमियों पर ध्यान आकर्षण कराया गया।