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छत्तीसगढ़ : CGPET मे शून्य अंक पाने वाले छात्रों का भी इंजीनियरिंग कालेज में होगा दाखिला, पीईटी परीक्षा के नतीजे जारी :

Mbns news रायपुर|| छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) की ओर अलग-अलग आठ प्रवेश परीक्षाओं नतीजे जारी कर दिए गए है। प्री-इंजीनियरिंग टेस्ट (पीईटी), प्री-फार्मेसी टेस्ट (पीपीएचटी), मास्टर आफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (प्री-एमसीए), प्री-पालिटेक्निक टेस्ट (प्री-पीपीटी) ये सभी प्रवेश परीक्षाएं जून और जुलाई महीने में ली गई है।

इन कोर्स में प्रदेश में बीएड की लगभग 14,400 सीटें है, वहीं डीएलएड की लगभग 6,500 सीटों में छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा। पिछले कुछ वर्षों से बीएड और डीएलएड करने वाले छात्रों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है।

छत्तीसगढ़ में खुल रहे स्वामी आत्मानंद स्कूलों में शिक्षकों की भर्तियां हो रही है। यही वजह है कि पिछले कुछ वर्षों में बीएड और डीएलएड करने में युवाओं का रुझान आया है। बीएड और डीएलएड की प्रवेश परीक्षा में राज्यभर से लगभग दो लाख छात्रों ने हिस्सा लिया था। वहीं प्री एग्रीकल्चर टेस्ट यानी पीएटी प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट अगले सप्ताह जारी होने की संभावना हैं। इसके माध्यम से राज्य में बीएससी एग्रीकल्चर और बीएससी हार्टीकल्चर में प्रवेश होगे।

प्री-इंजीनियरिंग टेस्ट यानी पीईटी के भी नतीजे जारी हो गए है। नए नियम के मुताबिक इस वर्ष उन छात्रों का भी इंजीनियरिंग कालेजों में दाखिला हो जाएगा, जिन्हें पीईटी में शून्य अंक मिले हैं। इस वर्ष पीईटी प्रवेश परीक्षा में 10 प्रतिशत अंक लाने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। नए नियम के मुताबिक सिर्फ प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों को प्रवेश मिल जाएगा। हालांकि ओवरआल रैंक के अनुसार काउंसिलिंग होगी। जिन छात्रों को पीईटी में अच्छे नंबर मिले होंगे उन्हें पहले अच्छे इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेश के साथ ही मनमुताबिक ब्रांच में प्रवेश हो सकेगा।

पीईटी प्रवेश में 10 प्रतिशत अंक लाने की अनिवार्यता खत्म होने का फायदा कालेजों को भी मिलेगा। पिछले कुछ वर्षों से इंजीनियरिंग के प्रति छात्रों का रुझान कम हुआ है। सात-आठ वर्ष पहले राज्य में इंजीनियरिंग की लगभग 20 हजार सीटें थी, जो अब घटकर लगभग साढ़े ग्यारह हजार बची हैं। नए नियम में राज्य के अलावा दूसरे राज्य के छात्र भी खाली सीटों में प्रवेश ले सकेंगे। पहले दूसरे राज्य के छात्रों के लिए सिर्फ प्राइवेट कालेजों में ही 10 प्रतिशत कोटा रहता था। अब अन्य राज्य का कोटा खत्म कर दिया गया है। नए नियम के मुताबिक तकनीकी कोर्स की सीटें पहले छत्तीसगढ़ के छात्रों से भरी जाएंगी। इसके बाद बची हुई सीटों पर अन्य राज्यों के छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा।

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