Mbns news रायपुर|| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले भाजपा हाईकमान ने कल गुरुवार रायपुर में हाईलेवल मीटिंग की । इस मीटिंग में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष मौजूद रहे । बैठक में छत्तीसगढ़ से प्रदेश प्रभारी ओम माथुर,सह प्रभारी नितिन नबीन,पूर्व सीएम रमन सिंह,प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव,नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल,संगठन महामंत्री पवन साय, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल के साथ प्रदेश संगठन के महामंत्री मौजूद रहे । बताया जा रहा है कि बैठक में भाजपा प्रत्याशियों की दूसरी सूची पर अंतिम मुहर लगा दी गई है। केंद्रीय चुनाव समिति से अप्रूवल के बाद दूसरी सूची जारी हो जायेगी, एक दो दिन में दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होगी।
बता दें कि इस बैठक में दूसरी और तीसरी सूची को लेकर मंथन किया गया । मध्यप्रदेश की तरह छत्तीसगढ़ में भी बीजेपी केंद्रीय मंत्री और सासदों को टिकट दे सकती है,जिसको लेकर आज की बैठक में उन नामों पर चर्चा की गई । बैठक में पीएम मोदी के दौरे, परिवर्तन यात्रा की समीक्षा के साथ बीजेपी के घोषणा पत्र का ड्राफ्ट तैयार करने पर भी मंथन हुआ । बीजेपी इस बार अपने घोषणा पत्र में किसान के मुद्दे पर कुछ बड़ा फैसला ले सकती है।
अमित शाह के आने के बाद दोपहर लगभग 2 बजे यह बैठक शुरू हुई जो देर शाम तक चली। बैठक को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता खुल कर बोलने से बचते रहे । पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि बैठक में अमित शाह और नड्डा जी आए हैं तो छत्तीसगढ़ के हित में बड़े फैसले लिए जायेंगे, जल्दी भारतीय जनता पार्टी की दूसरी सूची भी जारी कर दी जाएगी।
इधर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह,राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा के दौरे पर कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने तंज कंसा है ।उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में सत्ता हासिल करना है तो जी जान लगा रहे हैं, अमित शाह छत्तीसगढ़ में चुनावी दौरे पर ही आते हैं, और कोई मसला नही रह गया है,चुनाव आ रहा है तो सब आ रहे हैं, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री सब आ रहे पर मतदाताओं ने ठान लिया है कांग्रेस सरकार बनाएगी ।
भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं के दौरे पर कांग्रेस तंज कंस रही है मगर अमित शाह कुशल चुनावी रणनीतिकार माने जाते है,उन्होंने कई राज्यों में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भाजपा की सरकार बनाई है यही वजह है कि छत्तीसगढ़ को लेकर शाह काफी गंभीर है,और सत्ता वापसी के लिए नई नई रणनीतियों पर काम कर रहे हैं.. हालाकि अब देखने रोचक होगा 2018 में 15 सीटों पर सिमटी बीजेपी को 2023 में वापस सत्ता में दिलाने में अमित शाह कितने कामयाब हो पाते हैं।