छत्तीसगढ़ : एनकाउंटर स्पेशलिट टीआई लक्ष्मण केवट राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजे गए, इनको छठवीं बार मिला वीरता पदक, इनके नाम से थर थर कांपता है लाल आतंक :

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Mbns news रायपुर||कांकेर।

इसके पहले भी उन्हें पांच बार इस अवार्ड से लक्ष्मण नवाजे गए हैं।लक्ष्मण बताते है कि नक्सलियों को मुख्यधारा पर लौटाना ही उनका मुख्य उद्देश्य है। इसी उद्देश्य से वर्दी पहने पुलिस निरीक्षक लक्ष्मण पिछले बारह वर्षों से बस्तर संभाग में पदस्थ हैं। सैकड़ों से अधिक मुठभेड़ में शामिल होकर अबतक 43 हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराने में सफलता हासिल हुई है। ढेर हुए नक्सलियों पर सरकार ने लाखों के इनाम भी घोषित किये थे। लक्ष्मण केंवट पूरे छत्तीसगढ़ की पुलिस टीम में अपनी अलग पहचान बनाते हुए नक्सल ऑपरेशन में अदम्य साहस का परिचय हमेशा दिया है।

कहा जाता है जब लक्ष्मण केंवट के नेतृत्व में कोई टीम निकलती है तो वहां से दुश्मन का बच निकलना संभव नहीं है। लक्ष्मण केंवट वर्तमान में पुलिस थाना बड़गांव में पदस्त है। सन 2007 में सूरजपुर में पहली पोस्टिंग सिपाही के रूप में हुई। वर्ष 2011 में विभागीय पदोन्नति ली। जिसके बाद शुरू हुई इनकी अदम्य साहस की जिंदगी। सिर पर कफन बांधे लक्ष्मण को अब बस्तर संभाग में बारह साल बीत चुके है। व्यक्तिगत सुरक्षा की परवाह किए बिना ही अंदरूनी इलाके में निकल पड़ते है। लक्ष्मण के इस अदम्य साहस के चलते भारत सरकार के वरिष्ठ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विजय कुमार ने लक्ष्मण केंवट का हौसला अफजाई करते हुए पीठ ठपथपाया है।

लक्ष्मण केंवट के आक्रामक अंदाज को देखते हुए कई बार नक्सलियों द्वारा पर्चा भी फेंका गया है और कई बार उन्हें चिट्ठी भी मिली है जिसमें जनअदालत लगाकर लक्ष्मण केंवट को मौत की सजा सुनाने का जिक्र रहा है। इसके बावजूद लक्ष्मण केंवट निडरता के साथ आगे बढ़ते हुए दुश्मनों के दांत खट्टे कर रहे हैं और अब तक 43 नक्सलियों को मार गिराया है। लक्ष्मण बताते है कि नक्सलियों के मांद में घुसने के पहले वे स्वयं ही इसकी प्लानिंग तैयार करते हैं। प्लान बनाने में वें उन जाबांज अफसरों का साथ लेते है जो खुद उनके साथ नक्सलियों के मांद में घुस सकें।

लक्ष्मण जिस जिले में रहे वहां की अलग ही कहानी रही, अलग ही आंकड़ा जुड़ता रहा। इसी कड़ी में लक्ष्मण कांकेर जिले में पदस्थ है और यहां भी उन्होंने अपने आंकड़े में बढ़ोतरी की। विगत जून 2023 में कांकेर जिले के आल्दण्ड के जंगलों में हुई मुठभेड़ में भी एक महिला नक्सली को ढेर करने और हथियार बरामद करने वाली टीम में भी लक्ष्मण शामिल रहे। लक्ष्मण से काफी युवा प्रेरित होते रहे है और देश भक्ति की ओर जुड़ते रहे है।

2007 से पुलिस की वर्दी पहने लक्ष्मण केंवट ने अबतक 43 नक्सलियों को ढेर किया है। यही कारण है कि अब लक्ष्मण को उनके नाम से कम और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से ज्यादा पुकारा जाता है। लक्ष्मण अपने व्हाट्सअप प्रोफ़ाइल फ़ोटो में अशोक चक्र की तस्वीर लगा रखे हैं। ऐसे में उनका लक्ष्य साफ प्रतीत पड़ता है। और यही आंकड़ा लगातार बढ़ता रहा तो निश्चित ही जल्द परम् सम्मान अशोक चक्र से सम्मानित किया जायेगा।

बड़गांव थाना प्रभारी लक्ष्मण केंवट का कहना है कि नक्सलियों को मुख्यधारा में कैसे वापस लाया जाए, यही मेरा उद्देश्य रहा है। अभी भी नक्सलियों से अपील है कि वे हथियार छोड़ दें और मुख्यधारा में वापस लौट आएं। सरकार तमाम योजनाओं के तहत व्यवस्था मुहैया कराएगी।

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