Mbns news रायपुर ||पिछले दिनों छत्तीसगढ़ में प्रदेश भर के संविदा कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जंगी प्रदर्शन किया था। नियमितीकरण जैसी मांगो के साथ हजारों की संख्या में संविदाकर्मी महीनेभर तक राजधानी में डटे हुए थे। उनके भारी विरोध प्रदर्शन को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उनके वेतन में 27 प्रतिशत की वृद्धि भी लेकिन इसका कोई खास असर नहीं हुआ। अंततः सरकार के साथ हुई वार्ता के बाद संविदा कर्मचारियों ने हड़ताल वापिस लिया और काम पर लौटे। इस दौरान शासन ने चिकित्सा विभाग के संविदा कर्मियों पर एस्मा भी लागू किया नतीजतन बड़ी संख्या में कर्मचारियों को इस्तीफा भी देना पड़ा था। लेकिन इन सबसे इतर अब एक संविदा कर्मी का दर्दभरा इस्तीफा सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
दरअसल त्यागपत्र देने वाला संविदा कर्मचारी संतोष कुमार देवांगन जनपद पंचायत आरंग में मनरेगा विभाग में पदस्थ था। संतोष कुमार के मुताबिक वह पिछले 11 वर्षों से संविदा कर्मचारी (सहायक ग्रेड 3) के तौर पर सेवाएं दे रहा था। संतोष कुमार ने बताया है कि उसे मिलने वाले वेतन और मौजूदा महंगाई के बीच अब परिवार का लालन-पालन मुश्किल होता जा रहा है। बावजूद इसके की वह पूरी ईमानदारी और निष्ठा से अपने कर्त्वयों का निर्वहन करता रहा है। संविदा कर्मी होने के बावजूद उस पर कार्य का भारी दबाव रहता है। वरिष्ठ अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा सौंपे गए कार्यो को पूरा करने के लिए उसे अवकाश के दिनों ने भी कार्यालय में उपस्थित रहना पड़ता है। कर्तव्यनिष्ठता से कार्य करने के बावजूद उन्हें कभी एक प्रशस्ति पत्र के लायक भी नहीं समझा गया जिससे वह आहत है, लिहाजा वह अपनी 11 वर्षो की नौकरी से त्यागपत्र दे रहे है।
संतोष कुमार देवांगन ने यह भी लिखा हैं कि उन्हें अलप वेतन में ही रायपुर कार्यालय के शिक्षा शाखा, भण्डार शाखा और न्यायलीन शाखा में सहायक के तौर पर पदस्थ किया गया है। वही अब उनसे सरकार द्वारा शुरू की गई बेरोजगारी भत्ता योजना से जुड़े कार्य भी कराये जा रहे है।