Mbns news Raipur|| ये ऐसा दौर है जहां बच्चे 10 मिनट भी बच्चे बिना स्मार्टफोन के नहीं रह पाते हैं। ऐसे में वे घंटों इसका यूज करते है। अब बच्चों का खेलकूद की तरफ रुझान कम होता जा रहा है।टाइमपास के लिए वो फोन का इस्तेमाल करते हैं। घंटों तक उसमें गेम खेलने या अन्य किसी गतिविधि में लगे रहते हैं, लेकिन अब इसका असर बच्चों की हेल्थ पर हो रहा हैं
वर्चुअल ऑटिज्म के कारण बच्चों की मेंटल हेल्थ भी प्रभावित हो रही है। वहीं सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में 24% फीसदी बच्चे रात को सोने से पहले स्मार्टफोन का यूज करते हैं। इस वजह से करीब 40 फीसदी बच्चे किसी काम में फोकस करने की परेशानी से जूझ रहे हैं।
कुछ बच्चों को फोन देखकर ही भोजन करने की आदत होती है। ये भी काफी हानिकारक है। बच्चे फोन के देखने के चक्कर में सही से भोजन भी नहीं कर पाते हैं। फोन के ज्यादा यूज की वजह से उनको अपनी पढ़ाई करने में भी परेशानी आ रही है। यहां तक कि कुछ बच्चों में 2 से तीन साल की उम्र में भी फोन देखने का क्रेज देखा जा रहा है। ये उनकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। ऐसे में माता-पिता को अलर्ट रहने की जरूरत है।
>>> माता पिता इन बातों का रखें ध्यान :–बच्चों में फोन के यूज का समय कम करें,बच्चों को समय दें और खेलकूद के लिए उनको प्रोत्साहित करें,बच्चों को फोन के नुकसान के बारे में बताएं,बच्चों से रोजाना किसी विषय पर बात जरूर करें।