अफ्रीकी यूनियन की एंट्री,भारत का संदेश और बाइडेन की चीन को सीधी चुनौती,किसी ब्लॉकबस्टर फिल्म से कम नहीं इस बार का जी20 समिट :

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Mbns news रायपुर|| नई दिल्ली।

भारत में चल रहा G20 समिट सफलता के नए आयाम रच रहा है। इसी कड़ी में शनिवार के दिन भी जी20 समिट के दौरान कई बड़े ऐलान हुए, कई ऐसे फैसले हुए जिनके दूरगामी परिणाम देखने को मिलने वाले हैं। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना वादा पूरा करते हुए अफ्रीकी यूनियन को भी जी20 का हिस्सा बनवा दिया, तो वहीं दूसरी तरफ जिस तरह से पीएम मोदी की सामने रखी प्लेट पर इंडिया की जगह भारत लिखा हुआ था, उसने भी पूरी दुनिया को एक बड़ा सियासी संदेश देने का काम किया।

इसके अलावा राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मिडिल ईस्ट को जोड़ते हुए एक इकोनामिक कॉरिडोर बनाने का भी ऐलान किया। जानकार मानते हैं इस समय पाकिस्तान और चीन के रोड एंड बेल्ट इनीशिएटिव प्रोजेक्ट की वजह से कई देशों की दिक्कतें बढ़ गई हैं, ऐसे में उसे काउंटर करने के लिए और मिडिल ईस्ट तक व्यापार को बढ़ाने के लिए इस इकोनामिक कॉरिडोर को बनाने का फैसला हुआ है। दोनों भारत और अमेरिका इसमें एक सक्रिय भूमिका निभाने वाले हैं।

 

•••अफ्रीकी यूनियन जी20 में शामिल-

 

शनिवार को जी20 समिट की शुरुआत पीएम मोदी की गर्मजोशी वाले स्वागत से हुई। एक-एक कर विदेशी मेहमान भारत मंडपम में दस्तक देते चले गए और सभी से पीएम लगातार हाथ मिलाते रहे। इसके बाद जब पहला सेशन शुरू हुआ, तब सबसे पहले पीएम मोदी ने एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने अफ्रीकी यूनियन को भी जी20 का हिस्सा बनवाया। बड़ी बात ये रही कि अफ्रीकी यूनियन के राष्ट्रपति को इस बात की उम्मीद नहीं थी वे कभी जी20 का हिस्सा बन पाएंगे, लेकिन पीएम मोदी ने उन्हें गारंटी दे दी थी कि ऐसा होकर रहेगा।

 

••• इकोनॉमिक कॉरिडोर का ऐलान –

 

अब एक तरफ दूसरे देशों का ख्यान रखा गया तो वहीं अपने हितों पर भी फोकस रहा। इसी वजह से राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बड़ा ऐलान करते हुए इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाने की घोषणा कर दी। असल में भारत, यूएई, सऊदी अरब, EU, फ्रांस, इटली, जर्मनी और अमेरिका के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए इसका निर्माण किया जा रहा है। ये ऐलान चीन-पाकिस्तान की लगातार बढ़ रही दोस्ती पर भी करारी चोट की तरह देखा जा रहा है।

अब क्योंकि पीएम मोदी ने अपना वादा निभा दिया है, ऐसे में जी20 का ये समिट कई मायनों में और ज्यादा खास बन गया है। जानकारी के लिए बता दें कि अफ्रीकी यूनियन में कुल 55 देश आते हैं, दुनिया 13 फीसदी आबादी यहां रहती है। बड़ी बात ये है कि इस समूह के ज्यादातर देश काफी गरीब हैं, ऐसे में पीएम मोदी की वजह से अब उन्हें भी उनकी बातें रखने का एक बड़ा मंच मिलने जा रहा है।

इस परियोजना के जरिए एक तिहाई वैश्विक अर्थव्यवस्था को सीधा फायदा पहुंचने वाला है। बड़ी बात ये है कि इस योजना में डेटा, रेल, बिजली और हाइड्रोजन पाइपलाइन को भी शामिल कर लिया गया है। यहां ये समझना जरूरी है कि इस योजना के जरिए भारत और यूरोप के बीच में व्यापार 40 फीसदी तक बढ़ जाएगा। अब ये प्रोजेक्ट कई उन धारणाओं को भी तोड़ने का काम करता है जो पहले कई सालों तक विकास परियोजनाओं के बीच बाधा बनकर बैठी थीं।

 

•••इंडिया क्या बनेगा भारत, बड़ा संदेश दिया गया?

 

अब इस परियोजना का ऐलान तो हुआ ही, इसके साथ-साथ भारत नाम के जरिए भी बड़ा संदेश दिया गया। असल में इस बार पीएम मोदी की जो प्लेट रखी थी, उस पर इंडिया की जगह भारत लिखा गया था। इससे पहले राष्ट्रपति द्वारा जो निमंत्रण पत्र भेजे गए थे, उसमें भी प्रेसिडेंट ऑफ भारत ही लिखा गया था। अब माना जा रहा है कि सरकार ने मन बना लिया है कि जल्द ही इंडिया का नाम बदल भारत किया जा सकता है।

दिन खत्म होते-होते सभी नेताओं ने साथ मिलकर ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस का भी ऐलान कर दिया। इस अलायंस के जरिए टिकाऊ बायोफ्यूल को बढ़ावा देना है। यहां ये समझना जरूरी है कि बायोफ्यूल का मतलब पेड़-पौधों, अनाज, शैवाल, भूसी से बना ईंधन होता है।

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