MBNS NEWS, रायपुर | छत्तीसगढ़ में रविवार को कोरोना के 12,666 संक्रमित और बढ़ गए हैं। रायपुर में 1639 पॉजिटिव मिले हैं। पिछले 24 घंटे में राजधानी में 46 समेत कुल 199 मौतें हुई है। इस बीच, राहत की बात ये है कि प्रदेश में मरीजों की वृद्धि दर अब 3 प्रतिशत से गिरकर 2.7 प्रतिशत पर आ गई है। पिछले दो हफ्ते में ये पहली बार नीचे आई है।
यही नहीं, प्रदेश में कोविड संक्रमण से जीतनेवालों की संख्या भी 5 लाख से अधिक हो गई है। थोड़ी राहत की बात यह भी है कि पिछले 10 दिन में मरीजों के बड़ी संख्या में ठीक होकर डिस्चार्ज होने से एक्टिव मरीजों की दर भी 20 प्रतिशत से गिरकर 19.2 प्रतिशत पर आ गई है। हालांकि तकनीकी तौर पर अब भी शुरू से अब तक जितने मरीज सामने आ चुके हैं, उनमें से 20 फीसदी सक्रिय मरीज हैं यानी अभी अस्पताल या घरों में इलाज करवा रहे हैं।
प्रदेश में अब 5 लाख से ज्यादा लोग स्वस्थ हो चुके हैं। प्रतिदिन मिल रहे नए मरीजों और अस्पताल या घर से इलाज के बाद डिस्चार्ज हो रहे मरीजों की संख्या में भी लगातार वृद्धि होने लगी है। रायपुर में इस वक्त प्रदेशभर में सबसे ज्यादा संक्रमित मरीज हैं, संभवत: इस वजह से यहां मरीजों के ठीक होने की दर यानी रिकवरी रेट अब 87 प्रतिशत से भी अधिक हो चुका है।
23 जिलों में 6 मई तक बढ़ाया गया लाॅकडाउन
छत्तीसगढ़ में बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण और मौत के आंकड़ों को देखते हुए 23 जिले तीसरे लॉकडाउन की जद में आ गए हैं। शनिवार को 13 जिलों के बाद रविवार को दस और जिलों में 6 मई की सुबह तक लाकडाउन बढ़ा दिया गया है। इनमें बिलासपुर, गौरेला-पेंड्रा, गरियाबंद, मुंगेली, नारायणपुर, कवर्धा, बालोद, जांजगीर-चांपा, रायगढ़ और बस्तर शामिल है। रायपुर, बालोद, दुर्ग, जीपीएम और महासमुंद में भी लॉकडाउन 5 मई तक बढ़ाया गया था। इसके अलावा राजनांदगांव, धमतरी, कोरबा, बेमेतरा, जशपुर, सूरजपुर, सरगुजा, बलरामपुर, कांकेर और कोंडागांव में भी बढ़ाया गया था।
पहली लहर में 3.19 लाख स्वस्थ, अप्रैल में 2 लाख से ज्यादा
प्रदेश में पहली लहर के दौरान पिछले साल 18 मार्च से इस साल 31 मार्च 2021 तक 3.19 लाख से ज्यादा मरीज स्वस्थ हुए हैं। इसमें से ज्यादातर मरीज होम आइसोलेशन में ही ठीक हुए हैं। जबकि अभी अप्रैल में दूसरी लहर में 24 दिन के भीतर ही 2 लाख से ज्यादा मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। जिनमें से 1.80 लाख से ज्यादा मरीज तो केवल होम आइसोलेशन में घर में इलाज के दौरान स्वस्थ हुए हैं। दूसरी लहर में मरीजों के ठीक होने का जो अब तक ट्रेंड रहा है उसमें जितनी संख्या में नए मरीज मिल रहे हैं करीब करीब उतने ही या उससे ज्यादा की तादाद में मरीज स्वस्थ भी हो रहे हैं।